RSIC
लक्ष्य एवं उद्देश्य

1. गुणात्मक शिक्षा एवं क्रिया आधारित शिक्षण बल
2. छात्रों में चरित्र निर्माण, जो उनके जीवन ज्योति को संबल बना सकें
3. अनुशासन एवं समय बद्धता
4. शिक्षकों में,छात्रों में आत्म-अनुशासन का विकास
5. शिष्टाचार, सदाचार सामाजिक भाव, राष्ट्रभक्ति एवं परस्पर कार्य करने के भावों का निर्माण
6. उत्कर्ष का आधार ज्ञान है, के महत्व पर प्रकाश
7. स्वाध्याय पर बल देना, जिज्ञासा को जागृत करना, ज्ञान का भंडार भरना जो विकास का आधार है
8. “तमसो मा ज्योतिर्गमय” के संदेश से आत्म-उत्थान करना
9. कम्प्यूटर शिक्षा की व्यवस्था


10. हर तीन माह बच्चों के स्वास्थ्य परीक्षण कराना
11. ज्ञानवान समाज के निर्माण में छात्रों एवं शिक्षकों का महत्व एवं उनका योगदान
12. छात्रों के उत्साहवर्धन हेतु पुरस्कार योजनाएँ
13. लेखन प्रतिभा का, वाक्यक्षमता का विकास कराना, लेखन शैली का विकास कराना
14. स्वच्छ भारत अभियान में भाग लेना
15. विचार क्रान्ति द्वारा समाज को उत्कृष्टता की तरफ ले जाना
16. सामाजिक नैतिक एवं बौद्धिक परिवर्तन के प्रति कार्यरत
17. रोजगार परक शिक्षा पर प्रशिक्षण कराना
18. प्लेसमेंट की व्यवस्था कराना

विद्यालय विकास में योगदान

भूमि दान

  1. श्री अनिरुद्ध सिंह (पूर्व प्रधानाचार्य)

  2. स्व॰ शिवनंदन सिंह भगत

  3. श्री सीताराम सिंह

  4. श्री मार्कन्डेय सिंह

  5. स्व॰ अमानत अली

  6. केशव नाथ सिंह

  7. स्व॰ गोपी नाथ सिंह

वित्तीय योगदान

  1. श्री देवेंद्र प्रताप सिंह (एम॰ एल॰ सी॰)

  2. श्री देवी प्रसाद सिंह (पूर्व एम॰ एल॰ सी॰)

  3. श्री महेंद्र यादव (पूर्व एम॰ एल॰ सी॰)

  4. श्री प्रेम प्रकाश सिंह (पूर्व मंत्री, यू॰ पी॰ सरकार)